अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
चंदखुरी (रायपुर) - जब तक समाज में महिलाओं में उनके विरुद्ध घटित होने वाली घटनाओं का भय एवं डर ख़त्म नहीं किया जायेगा , तब तक महिलायें ना तो स्वयं किसी भी क्षेत्र में विकास कर पायेंगी और ना ही समाज एवं राष्ट्र का विकास हो पायेगा। महिलाओं की सुरक्षा पुलिस की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिये।
उक्त बातें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पुलिस अकादमी चंदखुरी में निदेशक रतन लाल डांगी ने पंचदिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर पुलिस विवेचकों एवं राजपत्रित अधिकारियों को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा महिलाओं के प्रति बढ़ते हुये अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिये पुलिस के विवेचक एवं राजपत्रित अधिकारियों की यह ज़िम्मेदारी होती है कि वो महिला संबंधी किसी भी प्रकार के अपराध घटित होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल अपराध दर्ज कर विवेचना करके अपराधियों के ख़िलाफ़ मामले को ठोस सबूतों के साथ न्यायालय में पेश करे। इसके साथ ही पुलिस को ऐसे सार्वजनिक स्थान जैसे स्कूल , कॉलेज , बस स्टेण्ड , भीड़-भाड़ वाले स्थानों , बाज़ार या अन्य जगहों पर जहाँ महिलाओं की उपस्थिति बनी रहती है , वहां लगातार पुलिस के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर असामाजिक तत्वों पर निगाह रखनी चाहिये। राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक डांगी ने आगे कहा पुलिस अधिकारियों को इस बात पर भी गर्व महसूस करना चाहिये कि भगवान ने उनको बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिये चुना है। चूंकि ईश्वर हर जगह उपस्थित नहीं रह सकता , इसलिये पुलिस के रूप में आम नागरिकों एवं कमज़ोर लोगों की सुरक्षा के लिये ही आपको एक अवसर दिया है। इस दायित्व को पूरा करने के लिये आपको शासन ने वैधानिक अधिकार भी दिये हैं। इन अधिकारों का सदुपयोग करके महिलाओं में आत्म-विश्वास पैदा करना चाहिये , ना कि इन अधिकारों का दुरुपयोग करें। इसलिये पुलिस को जब भी कोई महिला फ़रियादी थाना आये तो उसको अपनी माँ , बहन या बेटी समझकर सहानुभूतिपूर्वक सुनना चाहिये। जिससे उसको इस बात का विश्वास हो जाना चाहिये कि अब वो एक सुरक्षित जगह पर है। बताते चलें कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पुलिस अकादमी चंदखुरी में महिला सुरक्षा एवं उनके विरुद्ध घटित अपराध के प्रति जागरूक बनने के लिये राष्ट्रीय अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो के निर्देश में पंचदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों से पुलिस विवेचक एवं राजपत्रित अधिकारी पहुंचे हुये हैं। इस कार्यशाला में सभी पुलिस अधिकारियों को महिलाओं से संबंधित क़ानूनी प्रावधानों में नवीनतम संशोधनों एवं वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रक्रियाओं से अवगत कराया जायेगा। साथ ही माननीय न्यायालयों द्वारा प्रसारित दिशा निर्देश के संबंध में भी जानकारी दी जायेगी। इस कार्यक्रम में अकादमी के पुलिस अधीक्षक जयंत वैष्णव , उप पुलिस अधीक्षक अजय शर्मा एवं रूपा खेस भी उपस्थित रहे।