रायपुर - हमारा कर्तव्य है कि देश के सैनिकों के योगदान को ना केवल याद रखें बल्कि उनके प्रति कृतज्ञ भी रहें। उनके परिवार को अपना परिवार समझकर उनका ख्याल रखें। आज के दिन देश के वीर शहीदों और उन सभी लोगों को सम्मानित किया जाता है , जिन्होंने देश के सम्मान की रक्षा हेतु देश की सीमाओं पर बड़ी बहादुरी से दुश्मनों का मुकाबला किया। देश के प्रति कर्तव्यों को पूरा करने के लिये सैनिकों के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।
उक्त बातें महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आज सशस्त्र झंडा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि वीर सैनिकों के बदौलत ही विभिन्न युद्धों में हमने विजय हासिल की। सेना के तीनो अंगों के योगदान से ही हमारा देश सुरक्षित है और निरंतर सामरिक रूप से सशक्त हो रहा है। किसी भी प्राकृतिक आपदा एवं संकट की घड़ी में भी हमारे जवान , आम जनता की सेवा में कंधे से कंधा मिलाकर मदद करते हैं। राज्यपाल ने प्रदेश के जांजगीर-चांपा जिले का उदाहरण देते हुये कहा कि बोरवेल में गिरे बच्चे को सुरक्षित निकालने में भी हमारी सेनाओं ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस कठिन मिशन में अपना योगदान देने वाले जवानों को धन्यवाद दिया।राज्यपाल ने कहा कि सशस्त्र सेना में शामिल होकर देश सेवा का अवसर युवाओं को मिले इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुये कहा कि प्रदेश से भी सेना में ज्यादा से ज्यादा युवा चयनित होकर मां भारती की सेवा करें।राज्यपाल ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर अधिक से अधिक सहयोग राशि दान करने का आह्वान करते हुये कहा कि दान देना हमारी संस्कृति रही है। जब भी अवसर आया तब भारतवासियों ने आगे बढ़कर देश और समाज के लिएये दान दिया है। झंडा दिवस एक ऐसा अवसर है जो दान तक ही सीमित नहीं है , बल्कि राष्ट्र सेवा भी है। इसलिये हम सभी को झंडा दिवस के अवसर पर सैनिकों के कल्याण के लिये कुछ निधि समर्पित कर देश के प्रति अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करना चाहिये। उन्होंने विश्वविद्यालयों को भी झंडा दिवस के अवसर पर सहयोग करने के संबंध में निर्देश देने की बात कही।
गौरतलब है कि आज राजभवन के दरबार हाल में सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल अनुसुईया उइके शामिल हुई। इस कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि तथा एक मिनट का मौन धारण कर किया गया। राज्यपाल ने देश और प्रदेश के शहीदों को नमन किया और उपस्थित सैनिकों तथा शहीदों के परिजनों के त्याग और बलिदान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। इस दौरान राज्यपाल ने भूतपूर्व सैनिकों तथा शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया और सहायता राशि प्रदान की। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये सर्वाधिक सहयोग देने वाली संस्थाओं एवं व्यक्तियों को धन्यवाद दिया। राज्यपाल ने स्वयं दो लाख की सहायता राशि का चेक सैनिक कल्याण बोर्ड को सौंपा। झंडा दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने 30 जून 2022 को शहीद हुये कर्नल कपिलदेव पाण्डे की माता श्रीमती कुसुम पाण्डे को बीस लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की। साथ ही देश के प्रति अपना दायित्व निभाते हुये शहीद सैनिकों की माताओं और पत्नियों को तथा अतिवरिष्ठ 70 वर्ष से अधिक उम्र के सैनिकों को सम्मान राशि प्रदान की गई। विशिष्ट कार्य हेतु अलंकृत सैन्य अधिकारी एवं सेना के जवानों को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया। इसी प्रकार केन्द्रीय सैनिक बोर्ड की ओर से प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप की राशि छत्तीसगढ़ के प्रतिभावान विद्यार्थियों को राज्यपाल ने प्रदाय की। समारोह में जिलाधीश एवं जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों का भी सम्मान हुआ। झण्डा दिवस के अवसर पर सर्वाधिक राशि एकत्रित करने हेतु प्रथम पुरस्कार जिला रायपुर के जिलाधीश डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन अनुराग तिवारी को और द्वितीय पुरस्कार जिला दुर्ग के कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पुर्णेन्दु विद्वयांता को संयुक्त रूप से प्रदाय किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने सैनिक कल्याण से संबंधित जानकारियों की संक्षेपिका का विमोचन किया। इस दौरान देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति भी हुई। समारोह में प्रमुख सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ , राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो , विधिक सलाहकार राजेश कुमार श्रीवास्तव , सचिव गृह विभाग धनंजय देवांगन , अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता , सैनिक कल्याण बोर्ड के संचालक ब्रिगेडियर विवेक शर्मा , राज्यपाल के उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल सहित भूतपूर्व सैनिक एवं शहीदों के परिजन उपस्थित थे।